मौनी अमावस्या महाकुंभ में एक अलग ही पहचान बनाएगी, जो की एक पवित्र और ऐतिहासिक अवसर होगा और यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इसका विशेष महत्व तब होता है जब ध्यान मौन और आत्मा की शुद्धि का दिन माना जाता है।
मौनी अमावस्या के दिन गंगा यमुना और सरस्वती में संगम स्नान करने का विशेष महत्व है, जिससे पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग बताया गया है।
वैसे तो महाकुंभ हर हर बार 12 साल के बाद आता है, लेकिन इस साल का मन को मैं तो अपने आप में एक दिव्य महाकुंभ है जोकी 144 साल बाद योग नक्षत्र के बाद मिला है। और इस बार जो मौनी अमावस्या महाकुंभ प्रयागराज में आयोजित की जा रही है, यहां पर लाखों करोड़ों लोग आएंगे स्नान करने और माना जाता है कि उनके
सारे पाप धुल जाते हैं, संगम स्नान करने पर।
मौनी अमावस्या के दिन भक्तमन रहकर ध्यान पूजा अर्चना करते हैं धार्मिक ग्रंथो के अनुसार मौन रहकर ध्यान करना सर्वोत्तमद्ध के लिए सर्वोत्तम साधन है।
अब आपके मन में कुछ सवाल उठ रहे होंगे तो सभी का जवाब मिलेगा।
मौनी अमावस्या कब है।
आपको बता दें कि मौनी अमावस्या 2025 में 29 जनवरी को है।
मौनी अमावस्या 2025 स्नान शुभ मुहूर्त कब है।
मोनी मौसी में स्नान दान करने का शुभ मुहूर्त 29 जनवरी 2025 को सुबह के समय 5:30 से सुबह 6:22 तक, फिर 8:31 से 9:52 मिनट तक,इसका समापन शाम को 06:05 पर होगा।
इस दिन या दान करें जरूर लाभ होगा।
आप इस दिन सुबह-सुबह स्नान करके तिल का लड्डू गुड़और तिल का तेल दान कर सकते हैं।
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